नमो घाट पर कई विकास कार्य कराए गए: हर जगह का अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व, पढ़िए काशी के गंगा घाटों की कहानी
Tourism News: वाराणसी के नमो घाट पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई विकास कार्य किए गए हैं, जिनमें से कुछ Aaj Express के इस रिपोर्ट के जरिए बताई गई हैं। इन कार्यों के माध्यम से, केंद्र और राज्य सरकार ने नमो घाट को एक स्वच्छ, सुरक्षित और सुंदर स्थान बनाने का प्रयास किया है।
स्वच्छता मिशन: घाट की स्वच्छता और साफ-सफाई को बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।
सुविधा सेवाएं: घाट पर शौचालय, पेयजल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
सुरक्षा व्यवस्था: घाट पर सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं।
सौंदर्यीकरण: घाट के आसपास के क्षेत्र को सुंदर बनाने के लिए वृक्षारोपण और साज-सज्जा की गई है।
धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन: घाट पर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जैसे कि गंगा आरती और संगीत समारोह।
वहीं, वाराणसी में कुल 88 गंगा घाट हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। इनमें से सबसे प्राचीन और आध्यात्मिक घाट है:
अस्सी घाट: यह वाराणसी का सबसे प्राचीन और पवित्र घाट माना जाता है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित है।
दशाश्वमेध घाट: यह घाट वाराणसी का सबसे बड़ा और सबसे पवित्र घाट माना जाता है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित है।
आदिकेशव घाट: यह घाट वाराणसी का एक प्राचीन और पवित्र घाट माना जाता है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित है।
पंचगंगा घाट: यह घाट वाराणसी का एक प्राचीन और पवित्र घाट माना जाता है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित है।
मणिकर्णिका घाट: यह घाट वाराणसी का एक प्राचीन और पवित्र घाट माना जाता है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित है।
इनमें से अस्सी घाट को सबसे प्राचीन और आध्यात्मिक घाट माना जाता है, जो वाराणसी की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।